आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): इतिहास, फायदे, खतरे और नौकरियों पर असर (2025)
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हिंदी में: इतिहास, फायदे, खतरे और नौकरियों पर असर क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हमारा भविष्य बनाएगा या नौकरियाँ छीन लेगा? इस लेख में AI की शुरुआत, फायदे, नुकसान, प्रकार, IIT पर असर और आम आदमी के लिए खतरे को विस्तार से समझें। AI की शुरुआत और इतिहास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की जड़ें 1956 के डार्टमाउथ कॉलेज की कॉन्फ्रेंस से जुड़ी हैं, जहाँ पहली बार “मशीन को इंसानों की तरह सोचने” की कल्पना रखी गई। शुरुआत में कंप्यूटर केवल जोड़-घटाना और छोटे प्रोग्राम कर सकते थे। लेकिन जैसे-जैसे डेटा, इंटरनेट और प्रोसेसिंग पावर बढ़ा, AI भी स्मार्ट होता गया। 1980 और 1990 के दशक में AI रिसर्च को झटका भी लगा, जिसे AI Winter कहा गया। लेकिन 2010 के बाद से मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग तकनीक ने इसे फिर से तेज़ी दी। आज AI हमारे मोबाइल से लेकर अंतरिक्ष तक हर जगह मौजूद है। AI के प्रकार (Types of AI) Narrow AI (कमज़ोर AI): जो केवल एक खास काम करता है। जैसे – Google Translate, Siri, Alexa। General...
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